हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ उल- ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
إنَّ المَرءَ يَحتاجُ في مَنزِلِهِ و عيالِهِ إلي ثَلاثِ خِلالٍ يَتَكَلَّفُها و إن لَم يَكُن في طَبعِهِ ذلِكَ : مُعاشَرَةٍ جَميلَةٍ وسَعَةٍ بِتَقديرٍ و غَيرَةٍ بِتَحَصُّنٍ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
एक व्यक्ति को अपने घर और परिवार को चलाने के लिए तीन गुणों की आवश्यकता होती है और यदि वह उसमें नहीं पाए जाते हैं, तो उन्हें इन गुणों को प्राप्त करने के लिए खुद को मज़बूर करना चाहिए,और वह तीन गुण यह हैं (1) अच्छा अख्लाक (2) अपनी ताकत के अनुसार सखावत (3) और परिवार वालों की सुरक्षा के लिए सकारात्मक सम्मान।
तोहफ उल- ओकूल,पेंज 322